Rumored Buzz on अनिद्रा से हैं परेशान तो अपनाएं यह उपाय



चिंता अनिद्रा (नींद न आना) का कारण बन सकती है। कम समय की चिंता तब शुरू होती है जब आप अपने व्यक्तिगत संबंधों जैसे एक ही मुद्दे के बारे में अक्सर सोचते या चिंता करते हैं। एक बार समस्या हल हो जाने के बाद यह आमतौर पर दूर हो जाता है और नींद भी सामान्य हो जाती है।

अपने फोन और बाकी उपकरणों को दूसरे कमरे में छोड़ें

प्रोस्ट्रेट (पौरुष ग्रंथि) ग्रंथी के बढ़ने होने के कारण व्यक्ति का बार-बार रात में उठकर बाथरूम जाना।

डिफ्यूजर को ऑन करें और ऊपर खाली जगह को पानी से भर दें।

सोने की ख़राब आदतें – सोने की ख़राब आदतों में सोने का अनियमित समय, दिन में सोना, सोने से पहले उत्तेजक गतिविधियों, सोने के लिए उचित वातावरण का अभाव और अपने बिस्तर पर बैठकर खाना या टीवी देखना शामिल हैं। सोने से पहले कंप्यूटर, टीवी, वीडियो गेम, स्मार्टफ़ोन या अन्य स्क्रीन आपके नींद के चक्र में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

#१ दिनचर्या में पंद्रह से बीस मिनट ध्यान का अभ्यास करने की आदत डालें। सुबह उठने के बाद एवं रात्रि सोने के पहले किया गया ध्यान पहले ही दिन से परिणाम देने लगेगा।

लाइफ स्टाइल

अनिद्रा (नींद न आना) क्या है? प्रकार लक्षण कारण निदान बच्चों में अनिद्रा (नींद न आना): गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा (नींद न आना): अनिद्रा (नींद न आना) और कोविड: अनिद्रा (नींद न आना) और चिंता: अनिद्रा (नींद न आना) और अवसाद: अनिद्रा (नींद न आना) का शरीर और मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

नोट : गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला इसके सेवन से बचें।

जब पानी का रंग हल्का बदलने लगे, तो गैस बंद कर दें और इसे कप में छान लें।

क्रोनिक अनिद्रा से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हुए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ के अनुसार, अनिद्रा आपके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को बढ़ा सकती है।

#१ अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति की आंखों में नींद भरी होती है किंतु जब वह सोना चाहता है तो सो नहीं पाता या फिर नींद Source बार बार टूट जाती है। जिसके कारण उसे ऐसा लगता है कि वह सो नहीं पाया।

हीन एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता।  

नींद के दवाई के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें. 

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